यह तो अनडाउटेड साबित हो चुका है कि भाजपा की सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपने विभिन्न क्षेत्रों में खासकर रक्षा अनुसंधान क्षेत्र में दुनिया के विकसित राष्ट्रों से आगे निकलने की होड़ ले ली है। सरकार के प्रयासों के साथ संस्थान भी कदम से कदम मिला रहे हैं। इस 21वीं सदी का भारत एक ऐसा राष्ट्र बन चुका है जो समझदार और ताकतवर तथा रणनीतिक रूप से सजग और सक्रिय भी है।

इसी के परिणामस्वरूप खासकर रक्षा क्षेत्र में रोज नये नये अनुसंधान देश की जनता के सामने आ रहे हैं। भारत सरकार की इसी दृढ़संकल्प के कारण भारत की रक्षा नीति अब सिर्फ दुश्मन के हमले का इंतजार करके जवाब देने वाली सोच से आगे निकल चुकी है। अब भारत सरकार खुद भी पहले से रणनीति बनाकर, सटीक और ताकतवर तैयारी कर रही है।

भारत अब सिर्फ शहरों को लक्ष्य बनाने वाली रणनीति पर नहीं, बल्कि दुश्मन की सैन्य ताकत पर सीधा हमला करने की रणनीति भी अपना रहा है।

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक ताजा रिपोर्ट में भारत सरकार ने अब अग्नि-5 मिसाइल का एक नया “बंकर बस्टर मिसाइल” संस्करण बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। DRDO अग्नि-5 मिसाइल के अगले संस्करण के 2 टाईप्स पर अनुसंधान कर रहा है, पहला हवा में लक्ष्यों पर हमला और दूसरा भूमिगत संरचना (underground bunkers) के लिए।

रक्षा मंत्रालय द्वारा नये भारत के विकास में यह सिर्फ एक मिसाइल नहीं है। अब भारत न केवल परमाणु हथियारों से, बल्कि पारंपरिक (non-nuclear) हथियारों से भी दुश्मन को रोकने और जवाब देने की पूरी ताकत को विकसित कर रहा है।

अग्नि-5 एक लंबी दूरी की मिसाइल है, जो 5,000 किलोमीटर से ज़्यादा दूर तक मार कर सकती है। अब यह नया बंकर-बस्टर संस्करण करीब 2,000–2,500 किलोमीटर दूर तक मार करेगा, लेकिन इसका वारहेड यानी धमाका करने वाला हिस्सा भारी और बेहद ताकतवर होगा, करीब 7.5 टन का।

नया बंकर-बस्टर संस्करण को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि यह ज़मीन के अंदर 80 से 100 मीटर की गहराई तक बने दुश्मन के कमांड सेंटर, हथियार डिपो और सुरंगों को भी नष्ट कर सके। और निशाना लगाने की प्रणाली बेहद सटीक होगी, GPS जैसी तकनीक से इसे 10 मीटर के अंदर सटीक निशाना बनाने में मदद मिलेगी। DRDO के अनुसार यह मिसाइल अभी विकास के शुरुआती चरण में है, लेकिन 2025 से इसका परीक्षण शुरू हो सकता है।

पाकिस्तान और चीन अपने खास हथियारों और सेना के कमांड सेंटर को ज़मीन के नीचे सुरंगों या बंकरों में रखते हैं। यह नई मिसाइल उन ठिकानों को भी आसानी से नष्ट कर सकती है।

युद्ध में भारत की नीति रही है कि वो पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करेगा। लेकिन अब भारत अपने पास ऐसी ताकत बना लेगा कि बिना परमाणु हथियार इस्तेमाल किए भी दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचा सके। जिसे “Massive Conventional Retaliation” यानी भारी पारंपरिक जवाब कहा जाता है।

पाकिस्तान की रणनीति है कि Line of Control (LOC) के पीछे की सैन्य ठिकाने सुरक्षित रखे जाएं और चीन भी अपनी रणनीति में तिब्बत और Line of Actual Control (LAC) के पिछे की सैन्य संरचनाएं सुरक्षित हैं इस बात का भरोसा करता है। लेकिन भारत के इस मिसाइल के बाद अब दुश्मन का कोई भी इलाका पूरी तरह सुरक्षित नहीं रह जाएगा। – अरुण प्रधान (चित्र साभार गूगल)

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