
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई को ही जूता फेंके जाने वाली घटना का जिम्मेदार बताया है। मार्कण्डेय काटजू ने कहा है कि न्यायाधीशों को अदालत में कम बात करनी चाहिए प्रवचन नहीं देने चाहिए। क्या आपको लगता है कि अदालतों में जजों को सुनवाई के दौरान भाषण या लेक्चर देना चाहिए?
पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज मार्कंडेय काटजू ने कहा कि “जजों को सुनवाई के समय भाषण या ज्ञान नहीं देना चाहिए, बल्कि कानून के मुताबिक ही फैसला करना चाहिए।”
काटजू ने अपने ब्लॉग और इंटरव्यू में कई बार कहा है कि भारतीय अदालतों में जज ज़रूरत से ज़्यादा बोलते हैं और असल मुद्दे से भटक जाते हैं। उनका कहना है कि न्यायालय का काम सिर्फ न्याय करना है, न कि प्रवचन देना। उनका मानना है कि अदालत कोई क्लासरूम नहीं, जहाँ ज्ञान बांटा जाए, बल्कि कानून के दायरे में न्याय हो।आपका क्या मानना है — जजों को बोलने पर नियंत्रण रखना चाहिए या जनता को जजों का दृष्टिकोण सुनना जरूरी है?
हिंदू भगवान विष्णु पर कोर्ट में टिप्पणी करने के बाद 6 अक्टूबर 2025 CJI B R Garai पर जूता फेंकने वाले सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट राकेश किशोर ने कहा कि मुझे दुख होता है कि मेरे घर का घेराव किया गया। सोशल मीडिया पर वकील की जाति को लेकर चर्चा हो रही है। इस बीच राकेश किशोर ने खुद अपनी जाति बताई है। उन्होंने कहा कि मैं खुद दलित हूं।