
कवयित्री डॉ. प्रेरणा उबाळे की एक कविता 'कुछ'
“कवि और कविता” श्रृंखला में डॉ. प्रेरणा उबाळे की एक कविता ‘कुछ ’…
कुछ अच्छा हो जाता है
बुरा सहने के बाद
कुछ सच्चा मिल जाता है
झूठ पकड़े जाने के बाद
कुछ स्पष्ट हो जाता है
कुहरा हट जाने के बाद
कुछ उजाला खिल जाता है
तम छट जाने के बाद
कुछ प्रेम मिल जाता है
धोखा खा जाने के बाद
कुछ फूल खिल जाते हैं
काँटे चुभने के बाद
कुछ हरियाली छा जाती है
बंजरपन दूर हो जाने के बाद … । (रचनाकाल – 04 अगस्त 2025)