
“कवि और कविता” श्रृंखला में कवयित्री डॉ. प्रेरणा उबाळे की कविता ‘ बारिश ‘…
‘पुणे का मौसम कैसा है ?”
“बारिश का” l
“लग रहा है
बरसात की बूंदें
नई कोपलों को
आसमान दिखा रही हैं ….”
“तूफानी बारिश, ठंड
रुकने का नाम नहीं “
“ओह!”
“एक महीने से यही हाल है”
“फिर गर्म चाय की चुस्कियां …”
“हाँ ! अभी वही तो कर रही हूँ l’
“तुम्हें याद करते हुए
तुम्हें यादों के साथ रखते हुए
आ जाओ l”
“जी हाँ l”
“सशरीर के लिए टिकट लेनी होगी
देर तो होगी
और ऐसे वहीं हूँ l
तुम यहीं हो
तभी तो
याद कर रहा था तुम्हें
और फिर…
बात हो रही है…”
“टेलिपैथी” ?
“हां” ।
अभी अभी धड़कन अजीब हुई
इस गर्म चाय की चुस्कियों के साथ…
पुणे में मौसम बारिश का है
तुम्हारी यादों के साथ…”

(रचनाकाल- 03 जुलाई 2025)