
JKNPF
उड़ी, J & K, 29 जुलाई 2022: जम्मू और कश्मीर राष्ट्रवादी मोर्चा, J&KNPF द्वारा गुरुवार 28 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के उड़ी में ब्लॉक स्तर का सम्मेलन किया गया। JKNPF ने इस ब्लॉक स्तर सम्मलेन में उड़ी में तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा ऐतिहासिक भूलों पर चर्चा के साथ-साथ उड़ी के उज्जवल भविष्य पर भी विचार विमर्श किया।
इस मौके पर दर्जनों लोगों ने पार्टी के अध्यक्ष शेख मुजफ्फर की उपस्थिति में JKNPF की सदस्यता ली। सम्मलेन में JKNPF अध्यक्ष सहित अन्य वक्ताओं ने अपने वक्तव्य में कहा कि “भारतवर्ष की आज़ादी और विभाजन के बाद पाकिस्तानी सेना ने 22 अक्तूबर, 1947 को कश्मीर पर आक्रमण कर दिया था। परिणामतः 27 अक्तूबर, 1947 को हवाई जहाज द्वारा श्रीनगर में भारतीय सेना भेजी गई। भारतीय सेना ने 7 नवंबर तक पाकिस्तानी कबाईलियों को खदेड़ दिया गया था।

परन्तु उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरु ने शेख अब्दुल्ला की सलाह पर युद्ध विराम की घोषणा कर दी। परिणामस्वरूप भारतीय सेना को उड़ी में हीं रोक दिया गया। कहना न होगा कि अगर नेहरु ने वह ऐतिहासिक गलती न की होती तो पाकिस्तानी क़ब्ज़े वाले कश्मीर भी आज हमारे पास होता।”

वक्ताओं ने कहा कि “उड़ी से लेकर वर्तमान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पंजाबी/डोगरी भाषा बोली जाती है, उड़ी में कश्मीरी भाषा नहीं बोली जाती है। और, शेख़ अब्दुल्ला को पता था कि ग़ैर-कश्मीरी भाषी लोग उसके नेतृत्व को नहीं मानेगें। अतः शेख़ अब्दुल्ला के ख़ातिर नेहरू ने यह निर्णय लिया।”