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नई दिल्ली : एक वर्ष में आट 40% महंगा हो गया है। बीते एक वर्ष में गेहूं सहित सभी फूड प्रोडक्ट्स के दाम 55% तक बढ़े हैं। खुला आटा 38-40 रुपए और ब्रांडेड पैक में 45-55 रुपए में बिक रहा है। गेहूं बाजार मूल्य जनवरी 2022 के मुकाबले 40% से भी ज्यादा है।
विश्लेषकों का कहना है कि सरकारी गोदामों में करीब 115 लाख टन गेहूं है। यह बफर स्टॉक की सीमा 74 लाख टन से 41 लाख टन ज्यादा है। सरकार ने यदि 15 दिन में खुले बाजार बिक्री योजना के तहत गेहूं बाजार में नहीं बेचा तो आटे के भाव में 5-6% बढ़ोतरी होगी। निर्यात पर पाबंदी के बाद भी जनवरी में गेहूं के दाम 7- 10% बढ़े।
चालू सीजन में सरकार का MSP न्यूनतम खरीद मूल्य 2,125 रुपए प्रति क्विंटल है। लेकिन मंगलवार को इंदौर में गेहूं प्रति क्विंटल 3,100 रुपये के बिका। दिल्ली में गेहूं 3,150 रुपए और देश के दूसरे हिस्सों में 3,200 रुपए से अधिक पर। जिससे आटे और इससे तैयार होने वाले सभी फूड प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ गए।
एक माह में गेहूं महंगा होने से आटा, मैदा, सूजी के भाव 15-20% तक बढ़ चुके हैं। सरकार से खुले बाजार में गेहूं बेचने की उम्मीद कर रहे आटा मिल मालिक भी अब महंगे दाम पर ही गेहूं खरीद रहे हैं। इससे आटा महंगा हो रहा है।
व्यापारियों ने संभावना जताई है कि गेहूं का नया स्टॉक मार्च-अप्रैल में बाजार में आने के बाद ही भाव में कमी आ सकती है। अगर अभी सरकार अपना स्टॉक बेचती है तो भाव गिरने शुरू हो सकता है।