
नई दिल्ली : पंजाब से दिल्ली कूच कर रहे किसानों के नेताओं का तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ सोमवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान परिसर में यह बैठक आठ फरवरी के बाद दूसरी है। किंतु महत्वपूर्ण मांगों पर बैठक बेनतीजा रही। इस बैठक में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुई एफआईआर और अन्य मामले वापस लेने पर सहमति बनी। लेकिन किसानों के सभी प्रकार के कर्ज माफी पर पेंच फंस गया। और सहमति नहीं बनने पर किसान मोर्चा ने कहा कि अब हम दिल्ली कूच जरूर करेंगे। अगर केंद्र सरकार हमारी मांगों को मान लेती है तो आंदोलन समाप्त करने के बारे में विचार करेंगे।
पंजाब के किसानो का 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने का योजना तय है। किसान नेताओं के साथ बैठक में केंद्र की तरफ से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय थे।

किसान नेताओं ने किसान मोर्चा की तरफ से इस बैठक में केंद्रीय मंत्रियों के सामने स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों की MSP की कानूनी गारंटी की मांग रखी। इसके साथ किसानों और खेत मजदूरों की कर्जे माफ करने, किसानों का फसल बीमा सरकार करे, पेंशन के तौर पर किसान और मजदूर को 60 वर्ष होने पर 10 हजार रुपये प्रतिमाह लागू करने, लखीमपुर खीरी में जान गंवाने वाले किसानों को इंसाफ और आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर सभी दोषियों को सजा दिलाने, लखीमपुर खीरी कांड में घायल सभी किसानों को वादे के मुताबिक 10 लाख रुपये मुआवजे देने, किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस रद्द करने, पिछले आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को नौकरी देने, मनरेगा में 200 रुपए प्रतिदिन दिहाड़ी लागू करने, न्यूनतम मजदूरी दर 700 रुपये प्रतिदिन करने और भारतीय खेती को विश्व व्यापार संगठन से अलग करने की मांगों को रखा।
पंजाब के किसानों के इस दिल्ली कूच को कांग्रेस का चुनावी हलचल बताते हुए खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने जालंधर में कहा कि पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस की तुलना भाजपा सरकार ने किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए हैं। हमारी सरकार में किसानों की बात सुनी जाती है, मगर कांग्रेस के समय में ऐसा नहीं होता था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में 2.80 लाख करोड़ रुपये पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों में बांटे गए हैं। केंद्र सरकार करीब 3 लाख करोड़ रुपये यूरिया खाद पर हमारी सरकार सब्सिडी दे रही है। पूरी दुनिया में खाद के दाम बढ़े, मगर भारत में नहीं। किसानों को एमएसपी के नाम पर विरोधी दल भड़का रहे हैं।
किसानों के संघर्ष को लेकर ठाकुर ने कहा कि स्वामीनाथन रिपोर्ट को लेकर भी हमारी सरकार ने कई कदम उठाए। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में कुछ नहीं किया। कांग्रेस सरकार के मुकाबले BJP ने किसानों से दोगुनी से ज्यादा खरीद की और दाम भी ज्यादा दिए।
तो दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक खत्म कर बाहर आए किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि सरकार के पास हम किसानों को देने के लिए कुछ भी नहीं है। वे हमें सिर्फ बातों में उलझाए रखना चाहते हैं। हमने तय किया है कि मंगलवार हम दिल्ली कूच करेंगे।
किसान मोर्चा के दिल्ली कूच करने को लेकर दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है। दिल्ली की सभी सीमाओं पर कड़ी निगरानी के साथ बड़े पैमाने पर बैरिकेटिंग की गई है। (फोटो सोशल मीडिया से साभार)