रांची : झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार RIMS 2 के निर्माण के लिए नगड़ी की जमीन को दुबारा ग्रामीणों के विरोध के बावजूद जबरन कब्जा कर लिया है। राजभवन पर धरना-प्रदर्शन के बावजूद नगड़ी के ग्रामीणों को कोई आश नहीं दिख रही है कि उनकी खेती की जमीन पर से हेमंत सोरेन सरकार अपना कब्जा छोड़ देगी और किसानों को उनका खेत वापस मिल जाएगा।

29 जून रविवार को कांके नगड़ी किसान सुबह-सुबह अपना खेत में बिहन लगाने गया तो रिम्स 2 की चिन्हित जमीन पर घेराबंदी डाले राज्य की पुलिस प्रशासन ने ग्रामिणों को खेत में घुसने से रोका। कांके नगड़ी में अब हेमंत सोरेन सरकार ने ग्रामीण को उनकी ही पुश्तैनी ज़मीन पर खेती करने से रोक रही है। नगड़ी के किसानों ने मजबूरन खेत किनारे सड़क पर धान का बिहन बिन दिये।

नगड़ी के किसान अपने खेत वापस पाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी गुहार लगा रहे हैं। स्थानीय कांके विधायक सुरेश बैठा कांग्रेस पार्टी से है वह भी कहा कि हेमंत सोरेन से बात कर रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन किसानों से न तो सीधे मुलाकात कर रहे हैं और न ही किसी भाया से। राज्य का स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी (कांग्रेस पार्टी विधायक) भी किसानों को धमकी देने में पीछे नहीं है और पुर्व विधायक बंधु तिर्की (कांग्रेस पार्टी विधायक) को कौन नहीं जानता है!

नगड़ी के किसानों ने विपक्षी नेता बीजेपी के बाबूलाल मरांडी (झारखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री और JVM पार्टी) से भी मदद की गुहार लगाई थी। बाबूलाल मारंडी ने कहा था कि हेमंत सोरेन को नगड़ी की कृषि भूमि पर रिम्स नहीं बनाना चाहिए, यहाँ के लोगों के पास यह जमीन ही जीविका का अंतिम सहारा है। लेकिन मामला जस का तस है।

नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति ने हेमंत सोरेन सरकार द्वारा कांके नगड़ी में कृषि योग्य जमीन पर जबरन रिम्स 2 बनाने के लिए तार घेरा बंदी करने तथा ग्रामीणों को उपरोक्त जमीन पर धान बिचड़ा लगाने से जिला प्रशासन द्वारा रोकने के विरोध में 30 जून को दोपहर 12:00 बजे से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया है। जिसमें उन्होंने सभी ग्रामिणों, सोशल एक्टिविस्ट आदी को सादर आमंत्रित किया है। (नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति /मो० 7004652306)

दरअसल, राजधानी रांची के कांके प्रखंड के नगड़ी गाँव के ग्रामीण अब दुबारा उसी संकट में फंस चुके हैं। ज्ञात हो कि झारखण्ड में आदिवासियों की अपनी सरकार और मुख्यमंत्री हैं झारखण्ड मुक्ति मोर्चा JMM के नेता और दिशोम गुरु शिबु सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन। ताजा मसला भी झारखण्ड के नगर विकास योजना के तहत राज्य सरकार रांची राजधानी के विकास के लिए इसी जबरन भूमि के अधिग्रहण का है।

रांची राजधानी में ‘राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज’ RIMS राज्य की मुख्य चिकित्सा केंद्र है। अब राज्य सरकार रिम्स (Rajendra Institute of Medical Sciences, RIMS)-2 का निर्माण करना चाह रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने कांके-पतरातू रोड पर नगड़ी की जमीन चिन्हित की है। यह स्थान ‘नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी’ (NLU) के बगल में नगड़ी में है और यह NLU भी नगड़ी की जमीन पर ही बना है। और ग्राम नगड़ी भी आदिवासी गाँव है। इस गाँव की कृषी जमीन का राज्य सरकार जबरन अधिग्रहण कर रही है। यह बनने वाला रिम्स-2 पहले सुकरहुटू में प्रस्तावित था। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री सहित अधिकारियों के दल ने स्थल निरीक्षण भी किया था और इसे फाइनल कर लिया गया था।

दरअसल, कांके प्रखंड के नगड़ी जमीन झारखण्ड राज्य अलग बनने के पहले पूर्ववर्ती राज्य सरकार (बिहार) द्वारा वर्ष 1958-59 में राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय/बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कांके के नाम पर नगड़ी थाना सं० 53 में यह सैकड़ों एकड़ भूमि अधिग्रहण किये थे।वर्ष 2011-12 के दौरान राज्य सरकार अपने कथित अधिग्रहित इसी नगड़ी की खेती जमीन का कब्जा का नगड़ी के रैयतों ने भारी विरोध किया था और आन्दोलन के दौरान राज्य सरकार द्वारा जबरदस्ती के विरोध में प्रशासन के साथ हिंसक झड़प हुआ था और इन ग्रामीणों सहित आन्दोलनकारियों पर कई मुकदमा सरकारने लगाया।

वर्ष 2012 में नगड़ी के किसानों के संघर्ष के बाद लॉ यूनिवर्सिटी के बाद की जमीन को राज्य सरकार ने खाली छोड़ दिया था, अब उस खाली जमीन को सरकार दुबारा अपने कब्जे में ले रही है। इस बार नगड़ी के ग्रामीण पहले से ज्यादा डरे हुए हैं कि हेमंत सोरेन सरकार के रवैए से लग रहा है कि इस बार उनके हाथ से रही सही जमीन भी छीन जाएगा और कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।

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