
उत्तरकाशी में धराली आपदा से गाँव में मातम लेकिन उतराखंड सरकार कर रही नजरंदाज, आपदा 7 किलोमीटर ऊपर से ग्लेशियर डिपॉजिट का नीचे आना है
उत्तरकाशी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली में 5 अगस्त 2025 को आई भीषण आपदा का मंजर इतना भयावह था कि विडिओ देखकर ही रूह कांप रही थी। अब आपदा के 4 दिन बाद उतराखंड प्रशासन के अधिकारी 5-5 हज़ार का चेक लेकर धराली गांव पहुंचे थे। आपदा प्रभावितों ने लेनें से किया इन्कार और फिर विरोध में नारेबाजी कर दी। आज सुबह ही आगाह कर दिया था कि गांव में भारी गुस्सा है। लेकिन यह दुखद है कि सरकार ने अब तक किसी आपदा पैकेज की घोषणा नहीं की !
धराली के इस भीषण आपदा को हुए चार दिन बीत गए, उतराखंड सरकार की निष्क्रियता के कारण अब सवाल पूछने का वक्त आ गया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में धराली आपदा को लेकर कुछ सवालों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
मरघट के सन्नाटे के बीच धराली गांव में मातम है, लेकिन 4 दिन बाद अब भारी गुस्सा है। धराली गांव के किसी व्यक्ति का यह तीसरा बयान है जो सामने आया है। तीनों ही सोशल मीडिया के माध्यम से। कल भरत सिंह जी का बयान सामने आया था।
मीडिया वाले धराली गांव के आपदा प्रभावितों से या तो मिल नहीं पा रहे हैं या उनकी बात आगे नहीं पहुंच पा रहे हैं। हो सकता है, कुछ लोग, खासकर आईटी सेल के ट्रोलर बोलें, कि अभी यह सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए। ताकि राजनीति की जा रही है, लेकिन कई बार होता है कि सवाल पूछने में देरी हो जाए तो फिर सवाल पूछने का अर्थ ही नहीं रह जाता। और हां, यह भी जान लीजिए कि जो महिला यह बात रखी, वह भाजपा से जुड़ी हुई है। धराली गांव के लोगों की बात मीडिया तक क्यों नहीं आ रही ? मीडिया के लोग धराली गांव वालों से क्यों नहीं मिल पा रहे ? जिस महिला को सीएम से मिलाया गया उस वीडियो में आवाज म्यूट क्यों की गई ? नेटवर्क खराब हुआ या बंद किया गया ? आपदा प्रबंधन से धराली गांव अलग थलग क्यों किया जा रहा है ? सारा फोकस हर्षिल पर या सड़क और पुल पर क्यों है ? आपदा से ठीक पहले धराली बाजार में जो करीब 200 लोग थे, उनमें अब कौन कहां हैं, मृत्यु या मिसिंग संख्या, क्यों नहीं बताई जा रही ? पुरोला विधानसभा सीट से बीजेपी के दूरगेश्वर लाल विधायक और भाजपा के ही अनिल बलूनी सांसद कहां हैं क्या कर रहे हैं ? धराली में आई उस भीषण आपदा पर उतराखंड सरकार की चुप्पी आश्चर्यजनक है !
धराली में आई उस भीषण आपदा के कारणों की एक्सक्लूसिव तस्वीर अब सामने आई हैं। भूटान में PHP-1 के वरिष्ठ जियोलॉजिस्ट इमरान खान ने उस गेल्सियर डिपोजिट स्लाइड की तस्वीरें साझा की हैं और एक भू वैज्ञानिक का विश्लेषण भी दिया है।
जियोलॉजिस्ट इमरान खान ने बताया कि धराली गांव से लगभग 7 किमी ऊपर की ओर, समुद्र तल से लगभग 6,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, ग्लेशियर डिपाजिट डेबरी का एक बड़ा हिस्सा टूटने से मलबा तेजी से नीचे घाटी की ओर आया था। सैटेलाइट इमेज के अनुसार ग्लेशियर मलबे की मोटाई 300 मीटर और क्षेत्रीय विस्तार तकरीबन 1.12 वर्ग किलोमीटर का बताया। जिसके कारण निचले इलाकों में तबाही मची।
लेकिन एक सवाल यह भी यहाँ है कि ‘खीर गंगा के जल ग्रहण क्षेत्र में 6700 मीटर की ऊंचाई का कोई स्थान शायद ही हो। उच्चतम शिखर श्रीकंठ है जो कि करीब 6000 मीटर की ऊंचाई पर है। यदि कोई ग्लेशियर डिपॉजिट नीचे आया है, तो यह 5000 से 5500 मीटर ऊंचाई के आसपास से होना चाहिए।