पर्दे के पीछे CIA भारत के लिए कंटक है ! : पद्मसंभ श्रीवास्तव

पर्दे के पीछे CIA भारत के लिए कंटक है ! : पद्मसंभ श्रीवास्तव

हालांकि, अब सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले असत्यापित दावों में आरोप लगाया गया है कि टेरेंस अर्वेल जैक्सन का वास्तविक मिशन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करना था।

पद्मसंभव श्रीवास्तव

जब हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन SCO, तियानजिन शिखर सम्मेलन 2025, में भाग ले रहे थे। तो, 2 सितंबर को सेमीकॉन शिखर सम्मेलन में उनकी गुप्त टिप्पणियों के साथ-साथ एक कार के अंदर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी संक्षिप्त मुलाकात ने एक घटना के बारे में और अटकलों को हवा दे दी है। जब वह दौरे पर रवाना हुए थे, तब उन्हें भनक तक नहीं लगी कि उनकी मौत के लिए मित्र के रूप में एक महत्वपूर्ण देश की ख़ुफ़िया एजेंसी ने मुखोश में खुद को छिपा कर षड्यंत्र रचा है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह खुफिया जानकारी देने का इंतजार कर रहे थे। तब प्रधानमंत्री श्री मोदी को राष्ट्रपति पुतिन की कार में बैठने के लिए सुझाव दिया गया था।

होटल और सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, 31 अगस्त को ढाका के ‘द वेस्टिन होटल‘ में मृत पाए गए टेरेंस अर्वेल जैक्सन (अमेरिकी स्पेशल फोर्स का एक अधिकारी) ने पुलिस के शुरू में बताए गए दो दिन पहले जांच की थी। ढाका पुलिस के अनुसार, वह पहली बार इस साल अप्रैल में बांग्लादेश आया था और उसने अपनी सरकार से संबंधित काम के सिलसिले में देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की थी। खबरों में कहा गया था कि उन्हें सेंट मार्टिन द्वीप पर बांग्लादेशी सेना को प्रशिक्षित करने के लिए तैनात किया गया था।

हालांकि, अब सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले असत्यापित दावों में आरोप लगाया गया है कि टेरेंस अर्वेल जैक्सन का वास्तविक मिशन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करना था।

बांग्लादेश में जैक्सन की उपस्थिति को अब विशेष कार्यों से जोड़ा जा रहा है। कई सूत्रों ने खुलासा किया कि वह अज्ञात स्थानों पर बांग्लादेशी सेना के अधिकारियों को सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करने में शामिल था। पुलिस सूत्रों ने पहले कहा था कि जैक्सन ने 29 अगस्त को दोपहर 3 बजे ‘द वेस्टिन’ में चेक इन किया था। हालांकि, होटल और सुरक्षा अधिकारियों ने एक समाचार पत्र को बताया कि बुकिंग अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी द्वारा की गई थी और जैक्सन ने 27 अगस्त को गुरुवार को चेक इन किया था। दो अलग-अलग स्रोतों द्वारा पुष्टि किए गए रिकॉर्ड से पता चला है कि उन्होंने 28 अगस्त को होटल के रेस्तरां में भोजन किया था और 29 अगस्त को कुछ समय के लिए बाहर गए थे। 30 या 31 अगस्त को जब उनका शव मिला तो उन्होंने अपने कमरे से बिल्कुल भी बाहर नहीं निकले।

जैक्सन 31 अगस्त की दोपहर को कमरा नंबर 808 के अंदर अपने बिस्तर पर नग्न पड़ा हुआ पाया गया था। हाउसकीपिंग स्टाफ ने शव की खोज की, जिससे होटल के कर्मचारियों में दहशत फैल गई। वरिष्ठ कर्मचारियों ने सहकर्मियों को इस मामले पर चर्चा करने से बचने और मीडिया के कॉल को नजरअंदाज करने की सलाह दी।

उसी दिन दोपहर करीब 12:30 बजे एक महिला सहित अमेरिकी दूतावास के तीन अधिकारी होटल पहुंचे और कर्मचारियों को घटना के बारे में किसी से बात नहीं करने का निर्देश दिया।

दूतावास के कर्मियों ने बाद में जैक्सन के कमरे को नीले और पीले रंग के टेप से घेर लिया, अपने स्वयं के सुरक्षा और चिकित्सा कर्मचारियों को लाया, और शाम लगभग 6:30 बजे उसके शव को कई सूटकेस और निजी सामान के साथ हटा दिया। बांग्लादेशी सूत्रों ने पुष्टि की कि अमेरिकी विशेष बल के अधिकारी कई महीनों से देश में थे, जो सेना से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान कर रहे थे। वेस्टिन के एक स्टाफ सदस्य ने जैक्सन की मौत से एक हफ्ते पहले होटल की लॉबी में वर्दी में “पांच से छह” अमेरिकी अधिकारियों को देखने को याद किया।

वाशिंगटन से इनकार के बावजूद, कई स्रोत और उपलब्ध सबूत जैक्सन को एक सक्रिय अमेरिकी विशेष बल (एयरबोर्न) अधिकारी के रूप में इंगित करते हैं, जिसका बांग्लादेश में मिशन को क्लासिफाइड किया गया था।

अफवाहें हैं कि उन्हें भारत को अस्थिर करने का काम सौंपा गया था, ताकि अमेरिकी हितों के लिए कंटक बने लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रास्ते से हटा दिया जाए, मगर आसूचना संकलन और आकलन में झोल था और रॉ ने रूसी खुफिया की मदद से उन्हें खत्म कर दिया।

अमेरिकी विशेष बल के अधिकारी टेरेंस अर्वेल जैक्सन को अज्ञात बंदूकधारियों ने बांग्लादेश में ही मार गिराया।

चीन में सेमीकॉन इंडिया समिट से लौटने के तुरंत बाद 2 सितंबर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का यह गूढ़ बयान “क्या आप ताली बजा रहे हैं क्योंकि मैं वापस आ गया हूँ ?” बहुअर्थी संकेत को इंगित करता था।

वे भारत को अस्थिर करने के लिए हमारे प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ भयावह योजना बना रहे हैं, क्योंकि भारत अब किसी भी अमेरिकी शर्त को स्वीकार नहीं कर रहा है। © Padmasambhava Shrivastava

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