
राहुल गांधी मलेशिया के विशेष द्वीप लैंगकॉवी से भारत लौट आए हैं उपराष्ट्रपति के चुनाव में वोट डालने। उप राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन चुने गए हैं।
भारत के चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री मोदी पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए बिहार में यात्रा और देश में हंगामा खड़ाकर INDI गठबंधन की मुख्य पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी मलेशिया पहुंचे हुए थे। विपक्षी नेता राहुल गांधी के चुपचाप मलेशिया जाने की खबर आमजन को सोशल मीडिया से हुई और सत्ताधारी भाजपा राहुल गांधी के मलेशिया के निजी यात्रा की चर्चा को खास बना दिया है।
अभी मलेशिया में अगले महीने 26 से 28 अक्टूबर को आसियान देशों की बैठक होनी है। जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के भी आने की खबर है, मीडिया सुत्रों के अनुसार लैंगकावी में आसियान बैठक में ट्रंप के आने की पुष्टि हो चुकी है। मलेशिया के द्वीप लैंगकॉवी में इस कारण सुरक्षा और प्रोटोकॉल के नाम पर अधिकारियों और प्रतिनिधियों का आना जाना लगातार बना हुआ है। 2 सितंबर से ही अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट और चीनी विदेश मंत्रालय के उच्च अधिकारी लगातार इस क्षेत्र में आ जा रहे हैं।
लैंगकॉवी से राहुल गांधी की तस्वीरें भी आई थी। राहुल की तस्वीरें लगाकर “राहुल गांधी मलेशिया में” सोशल मीडिया में चलना शुरू हो गया और कांग्रेस की ओर से स्पष्टीकरण भी आने लगा है कि “राहुल गांधी की यह निजी यात्रा है, इस पर चर्चा ठीक नहीं”। लेकिन राहुल की मौजूदगी कुआलालंपुर में नहीं बल्कि लैंगकावी द्वीप पर दर्ज की गई है। जिसको लेकर सोशल मीडिया में चर्चाएं जोर पकड़ ली हैं तो सत्ताधारी भाजपा भी इस पर राजनीतिक जागरण तेज कर दी है।
लैंगकावी कोई आम पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि सुरक्षित और गुप्त मुलाकातों का हब कहा जाता है। यहां अंतरराष्ट्रीय थिंक-टैंक मीटिंग्स, गोपनीय राजनीतिक मुलाकातें, और डिप्लोमैटिक बैक-चैनल डीलिंग्स अक्सर होती रही हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और चीनी विदेश मंत्री वांग यी पहले ही मलेशिया में सक्रिय हो चुके हैं। और मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहीम की हालिया चीन यात्रा ने इसे और भी संवेदनशील बना दिया है। चीन की CICIR (China Institutes of Contemporary International Relations) और यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट के प्रतिनिधि भी इस दौरान मौजूद थे।
और, हमारे खास, भारत की संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी इसी बीच “छुट्टी” मनाने चुपचाप लैंगकॉवी द्वीप पहुँच जाते हैं।
भारत में चर्चा आम है कि राहुल शादीशुदा है और राजनीति से छुट्टी लेकर भारत के बाहर अपनी पत्नी व बच्चों से मिलने चला जाता है। लेकिन कांग्रेस लगातार राहुल गांधी के “निर्दोष और पवित्र” होने का दावा करती है !
खैर, चर्चा है कि आखिर लैंगकावी ही क्यों ? तो कहा जा रहा है कि लैंगकावी मलेशिया के पश्चिमी तट पर स्थित है, जबकि शिखर बैठक कुआलालंपुर में होगी। दूरी लगभग 500 किमी है, लेकिन लैंगकावी एक हाई-प्रोफाइल और सुरक्षित द्वीप स्थल होने के कारण VIP नेताओं और विदेशी अतिथियों के लिए लोकप्रिय है।
लैंगकावी में VIP नेताओं और विदेशी मेहमानों को मीडिया की नज़रों से दूर रखना आसान होता है।
हवाई अड्डा और रिसॉर्ट सुविधाएँ इसे छोटे और सुरक्षित कनेक्शन के लिए आदर्श बनाया गया है।
लैंगकावी की यात्रा को सार्वजनिक रूप से “छुट्टी” कहा जा सकता है। लेकिन विशेष राजनीतिक बैठक, नेटवर्किंग या गुप्त संवाद भी इसी समय संभव हैं।
जैसे कि अमेरिका-चीन की गतिविधियों और ASEAN शिखर बैठक की तैयारी के बीच, यह एक सुरक्षित और अलग स्थान है। और राहुल गांधी के लिए भी यह छुट्टी के साथ-साथ ‘गुप्त विशेष बैठक‘ भी आसान हो जाएगा।
तो क्या इसके पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय साजिश और खेल है ? तो जो बातें कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के राजनीतिक व्यवहार को लेकर अनुभवों के आधार पर आमजन में है कि भारत-चीन टकराव की स्थिति में अमेरिका चाहता है कि भारत में “मित्र सरकार” हो। जोकि वास्तव में अमेरिका चीन पर आक्रमण करना चाहता है लेकिन यह युद्ध अमेरिका नहीं बल्कि भारत में उसका ‘पिट्ठू प्रधानमंत्री‘ करे।
दूसरा कि चीन चाहता है कि भारत में ऐसा नेतृत्व आए जो चीनी कम्युनिस्ट ब्लॉक के खिलाफ ज्यादा आक्रामक न हो। और इसी खेल में राहुल गांधी को “एक विकल्प” के रूप में आज़माया जाने का प्रयास दोनों देश कर रहे हैं। एक और खास बात कि मलेशिया में जाकिर नाईक भी छुपा है। – अरुण प्रधान (चित्र साभार INDIAN COMPASS)