
पटना : प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री अगले कुछ दिनों में पटना पहुंचने वाले हैं। बिहार में यह उनका पहला पांच दिवसीय आध्यात्मिक आयोजन होगा। बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के तीर्थ स्थल के तौर पर प्रसिद्ध है। यहां के प्रमुख स्वयंभू धर्मगुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की आगामी पटना यात्रा पर राजद नेताओं ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव भी होने हैं और सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तरह तरह से तैयारी में जुटी हुई है। एक दूसरे पर हमले भी कर रही है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा चोर से अलग ख्याति अर्जित तथा सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव भी इलाज करा कर बिहार वापसी कर गए हैं, तो बिहार की राजनीति में गर्माहट थोड़ी बढ़ गई है।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पटना में पांच दिवसीय आध्यात्मिक शिविर आयोजित करने के प्रोग्राम पर राजद को लगता है कि इस कार्यक्रम में जनता जुटेगी और इसका प्रभाव का फायदा भाजपा को मिलेगा। इधर पिछले दिनों राजद के नेतागण रामचरितमानस और तुलसीदास को लेकर जातिवादी टिप्पणी करते आ रहे हैं। इसका जनता में अंदर एक न दिखने वाला असर हो सकता है जो संभव है कि चुनाव में दिखे। राजद को यह आभास भी है और डर भी है। लेकिन दलित-पिछड़ा-मुस्लिम वोटों के लालच में वह जातिवादी लाइन छोड़ना नहीं चाहती है। और बागेश्वर धाम के पांच दिवसीय आध्यात्मिक आयोजन से बिहार के मतदाताओं पर प्रभाव पड़ना निश्चित है।
राजद इसे समझते हुए बेहद सतर्क है। इसलिए राजद की राज्य इकाई के प्रमुख जगदानंद सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि शास्त्री जैसे लोगों को सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि धीरेंद्र शास्त्री जेल में नहीं हैं। भाजपा बिहार में सांप्रदायिक गुंडों को खड़ा कर रही है। इस देश के लोगों की संतों पर बहुत आस्था है, लेकिन भाजपा उसे नष्ट कर रही है। एक गुंडा संत कैसे बन सकता है? हमारे देश में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। धीरेंद्र शास्त्री भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने की वकालत करते हैं। मेरा विश्वास है कि लोगों की टिप्पणियां संविधान के दायरे में होनी चाहिए। ऐसे संत समाज के लिए खतरनाक हैं।

तो राजद के एक वारिस, राज्य के मंत्री और राजद नेता तेज प्रताप यादव ने कहा कि अगर धीरेंद्र शास्त्री सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए यहां आ रहे हैं, तो मैं हवाईअड्डे पर धरना दूंगा। वह हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई भाईचारे का संदेश देने पर ही बिहार में प्रवेश कर सकते हैं।
आगामी कुछ दिनों में जब धीरेंद्र शास्त्री पटना में अपने आध्यात्मिक आयोजन के लिए आयेंगे तो बिहार की राजनीति का पर कुछ और ऊंचा जायेगा। बिहार की सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष के बीच संघर्ष देखने को मिलेगा।