
लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने कौशाम्बी के चायल से अपने विधायक पुजा पाल को निकाल बाहर किया है। असल में उत्तर प्रदेश विधान मंडल के मानसून सत्र में बुधवार को विधान सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा और उनके कार्यकाल में अपराध व अपराधी पर बेहतरीन नियंत्रण के प्रशासनिक कार्य की सपा विधायक पूजा पाल ने सराहना कर दी तो अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी से ही निकाल दिया। विधायक पुजा पाल ने मिडिया को दिये बयान में कहा कि ‘मुझे समाजवादी पार्टी से बर्खास्त होने का जरा भी मलाल नहीं है’।
विधायक पूजा पाल ने उत्तर प्रदेश विधान मंडल के मानसून सत्र में बुधवार को विधान सभा में कहा कि सच कहना गलत नहीं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के कारण ही मेरे दुश्मनों को खत्म किया गया। मेरे पति की हत्या अतीक अहमद ने की थी और फिर योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुझे न्याय देते हुए अतीक अहमद को सजा दी। मेरे हाथ की मेहंदी भी नहीं छूटी थी और मेरे पति पूर्व विधायक राजू पाल की अतीक अहमद ने नृशंस हत्या करवा दी। अंत्येष्टि के लिए मुझे राजू पाल का शव तक नहीं मिला था।
विधायक पूजा पाल ने कहा कि 18 वर्ष ही उम्र में ही मैं बीमार हो गई और 2005 से न्याय पाने के लिए तरस रही थी। जीवन में कभी कोर्ट नहीं गई थी, लेकिन चक्कर लगाते-लगाते थक गई। राजू पाल हत्याकांड के गवाहों को चुप करा दिया गया। जब मैं अतीक जैसे अपराधियों के खिलाफ लड़ रही थी और थकने लगी थी, तब योगी आदित्यनाथ जी ने मुझे न्याय दिलाया।
उन्होंने कहा कि राजनीति में आना मेरी कोई ख्वाहिश नहीं थी। मुझे जिसने न्याय दिया मैं सदैव उसे कृतज्ञता अर्पित करूंगीं, जिस न्याय के लिए लड़ते-लड़ते मेरी उम्मीद टूटी थी उस उम्मीद को न सिर्फ जिंदा किया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बल्कि उस न्याय को परिणिति तक पहुंचाया।
पूजा पाल के पति राजू पाल की हत्या का आरोप अतीक अहमद के भाई अशरफ पर लगा था। दरअसल इलाहाबाद अब प्रयागराज पश्चिमी सीट से अतीक अहमद लगातार विधायक चुने जाते थे। 2004 में अतीक को सपा ने सांसद बनाया तो उनकी सीट पर उपचुनाव का ऐलान हुआ। सपा ने अतीक की सीट पर अतीक के ही छोटे भाई अशरफ को टिकट दे दिया। पूजा पाल के पति राजू पाल ने अशरफ के खिलाफ बसपा से टिकट लिया और जीत कर विधायक भी बन गए। लेकिन अतीक के भाई अशरफ को अपनी हार बर्दाश्त नहीं हुई। वर्ष 2005 में विधायक बनने के कुछ दिनों बाद ही राजू पाल को घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई और मौत के घाट उतार दिया गया। हालांकि बाद में परिस्थितियां तेजी से बदलीं। पूजा पाल ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। 2022 के चुनाव में भी पूजा पाल सपा के ही टिकट पर कौशांबी की चायल सीट से विधायक भी चुनी गईं।
पूजा पाल राज्यसभा चुनाव के बाद से ही सपा से अलग-थलग चल रही थीं। राज्यसभा चुनाव में पूजा पाल के साथ आठ विधायकों ने सपा से बगावत कर भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। इन आठ में से चार विधायकों को पिछले ही दिनों सपा ने पार्टी से निकाला था। अब पूजा पाल को ऐसे समय निकाला गया है जब वह विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर प्रशंसा कर दी।