'भगवा आतंकवाद' के झूठे एजेंडे को सच बनाने के कांग्रेस के षड्यंत्र की परतें अब खुद सिस्टम उधेड़ रही है - अरुण प्रधान

'भगवा आतंकवाद' के झूठे एजेंडे को सच बनाने के कांग्रेस के षड्यंत्र की परतें अब खुद सिस्टम उधेड़ रही है - अरुण प्रधान

कांग्रेस ने उस वक्त सत्ता के लिए 'भगवा आतंकवाद' का झूठ गढ़ा कर पूरे बहुसंख्यक हिंदू समाज पर हमला कर दिया। साथ ही हिन्दू हिंदुस्तान और भारत के सामाजिक और आध्यात्मिक परंपरा के प्रतीक पर, ‘भगवा’ पर हमला किया। यह एक तीर से दो शिकार को धराशायी करने की कॉन्ग्रेसी षड्यन्त्र था यानि बुद्ध की परंपरा और प्रतीक को भी धराशायी करना था।

काँग्रेस पार्टी एक झूठ को सच बनाने के लिए जो षड्यंत्र रचा, उसकी परतें अब खुद काँग्रेस के अपने सिस्टम के लोगों ने ही खोलनी शुरू कर दी हैं। सनातन और हिन्दू धर्म को बदनाम करने के लिए सोनिया गांधी नेतृत्व की काँग्रेस पार्टी ने ‘भगवा आतंकवाद’ का एजेंडा गढ़ा और भगवा आतंकवाद को स्थापित करने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार जितना बड़ा षड्यन्त्र की जिसकी आप-हम  कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

न्यायालय का फैसला आने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए अब ATS के पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने साफ-साफ कहा है कि उन्हें RSS प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया गया था।

दबी छिपी योजनाएं और कॉंग्रेस की साजिशें बाहर आने लगी है। तो सवाल सिर्फ इतना नहीं है कि ‘मालेगांव ब्लास्ट‘ की जांच फर्जी थी, अब सवाल ये है कि कांग्रेस ने हिंदुओं को आतंकवादी साबित करने का कितना गहरा प्रयास किया था? इस साजिश का खुलासा वही एटीएस अफसर महबूब मुजावर कर रहा है, जिसने खुद इस केस में काम किया। उसने बताया कि मरे हुए लोगों को चार्जशीट में “ज़िंदा” दिखाने का दबाव था, उसने बताया कि जब RSS प्रमुख पर झूठा केस बनाने से इनकार किया, तो कांग्रेस के एजेंडे पर चलने वाले अफसरों ने उसके करियर को बर्बाद कर डाला।

अब काँग्रेस से यह सवाल आमलोगों का सामने आ रहा है कि  क्या यही है तुम्हारा सेक्युलरिज्म ? क्या यह छद्म धर्मनिरपेक्षता नहीं है ? जिसमें हिंदू को ही आतंकवादी बना दिया ? सारी दुनिया में आतंकी घटनाओं में मुसलमान शामिल पाए जा रहे हैं, जिसकी जिम्मेदार इस्लामिक कट्टरता है और पूरी दुनिया मे इस्लाम का राज और सरिया कानून स्थापित करने का जिहादी अभियान है। इस इस्लामिक कट्टरता के तहत आतंकवाद को जायज ठहराने के लिए ‘भगवा आतंकवाद’ की थ्योरी गढ़ी गई। और कॉंग्रेस के देश के अंदर और अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी इसे सच साबित करने के लिए RSS जो हिन्दू प्रतीक तथा राष्ट्रवादी संगठन है, से नफ़रत की हद तक गए कि उसके संघ प्रमुख को भी झूठे केस में फंसाने की साजिश रच डाली। ताकि एक ही बार में बड़ा हमला किया जा सके। क्या साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को सिर्फ इसलिए जेल में डाला गया क्योंकि उन्होंने भगवा पहना था?

कांग्रेस ने उस वक्त सत्ता के लिए ‘भगवा आतंकवाद’ का झूठ गढ़ कर पूरे बहुसंख्यक हिंदू समाज पर हमला कर दिया। साथ ही हिन्दू हिंदुस्तान और भारत के सामाजिक और आध्यात्मिक परंपरा के प्रतीक पर, ‘भगवा’ पर हमला किया। यह एक तीर से दो शिकार को धराशायी करने की कॉन्ग्रेसी षड्यन्त्र था यानि बुद्ध की परंपरा और प्रतीक को भी धराशायी करना था।

“भगवा आतंकवाद” जैसे शब्द दुनिया भर में इन्हों ने फैलाए गए और जब हिंदुओं ने प्रतिकार किया, तो कांग्रेस ने हिन्दुओं के खिलाफ षड्यंत्र का दायरा बढ़ा दिया। कांग्रेस और उसके सहयोगी एकोसिस्टम हिंदु प्रतीकों को बदनाम करने में जुट गए। यह मामला सिर्फ एक राजनीतिक चाल भर नहीं था, यह भारत की अस्मिता, आस्था और मूल भारतीयता पर हमला साबित हुआ।

अब जब कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है, और जब ATS के अंदर से ही आवाज़ उठ रही है कि जांच पूरी तरह से एक साजिश थी, तो अब कांग्रेस और सहयोगियों तथा वामपंथी संगठनों के पास क्या जवाब है? पत्रकार जो प्राइम टाइम पर चीख-चीख कर “हिंदू आतंक” चिल्लाते थे वे कहां हैं ? कहां हैं वो एक्टिविस्ट जो हर संत के खिलाफ प्रचार में शामिल थे? जिन्होंने इसे पालघर महाराष्ट्र में दो साधुओं की मॉबलींचिंग कर हत्या करने की परिणति तक पहुंचाया? वे सभी अब दूसरे मौकों तक सब्र कर रहे हैं !

कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा तथा हर वो चेहरा जो हिन्दू प्रतीक है, उसे बदनाम करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। लेकिन अब देश के आम जनमानस के सामने ऐसी साजिशें धीरे धीरे स्पष्ट होती जा रही है। कॉंग्रेस एकोसीस्टेम ने वर्षों लगाए हिन्दू-बौद्ध को एक-दूसरे से अलग करने और उनके प्रतीक भगवा को आतंक से जोड़ने में, और एक NIA कोर्ट के फैसले तमाम गवाहों सबूतों और एक ईमानदार ATS अफसर के बयान ने अंधेरे की ओट से वार कर रहे झूठ को प्रकाश में कर दिया।

काँग्रेस से अब यह सवाल पूछे जाएंगे और बार-बार पूछे जाएंगे ! यह साबित भी हुआ कि फर्जी गांधी परिवार की राजनीति राष्ट्र और धर्म से बड़ी है। आजादी के बाद से आज तक देश के मतदाता भ्रम में है कि कांग्रेस देशहित में ही कार्यरत है, उसके लिए तुष्टिकरण के रास्ते सत्ता हासिल करने के अलावा कोई लक्ष्य नहीं रहा। साथ ही इसके लिए राष्ट्र विरोधी विदेशी शक्तियों से भी तालमेल बनाए हुए है।

कांग्रेस की झूठ की परतें जैसे जैसे बहुसंख्यक आबादी के सामने खुलते रहेंगी वैसे वैसे इनका सत्ता का मार्ग भी धूसर होते जाएगा। हिन्दू आतंकवाद की झूठी थ्योरी अभी थोड़े समय के लिए ही धराशायी हुई है, काँग्रेस, इस्लामिक कट्टरता-आतंकवाद और विदेशी साजिशें अभी कई हमले करेंगे।

अब जबकि अदालत ने सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया और ATS के भीतर से ही सच सामने आ गया, तो ऐसे झूठे मुकदमे चलाने वालों के खिलाफ भी अब कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। अरुण प्रधान (चित्र साभार गूगल)

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