
संपादकीय : हालिया भारत का राजनीतिक परिदृश्य “वोट चोरी” की थ्योरी में फंस गया और कांग्रेस सहित INDI गठबंधन संसद में सत्ता पक्ष पर “नहीं बोलने देने” का आरोप लगाते हुए बाहर आ गया और बिहार पहुंच गया रैली करने। और, वैश्विक स्तर पर भारतीय संसद और देश के संस्थानों को बदनाम करने सड़क पर उतर गया। विडम्बना देखीए कि ये सारी पार्टियां और इसके नेता भ्रष्टाचार एवं चोरी में फंसे हुए, सजायाफ्ता तथा जमानत पर बाहर हैं।
विपक्षी इंडी गठबंधन कांग्रेस, राजद, सपा, TMC आदि के लिए”वोट चोरी” की इस नई थ्योरी का फार्मला गढ़ा CSDS ने और इसके संस्थापक संजय कुमार ने।

CSDS और संजय कुमार ने भारतीय संसद, भाजपा और भारतीय संवैधानिक संस्थानों को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और इस थ्योरी को हथियार बनाकर आंतरिक अराजकता पैदा करने की साजिश में कांग्रेस और इंडी गठबंधन पूरी सक्रिय हो गई। देश को वैश्विक स्तर बदनाम करने वाले इस साजिश को देशद्रोह का दर्जा दिया जाना चाहिए। और, इसकी सजा भी तय होनी चाहिए।
संजय कुमार और CSDS द्वारा चुनाव दर चुनाव की जा रही भविष्यवाणी अब गलत साबित हो रही थी। क्योंकि वोटर अब वोकल नहीं रहे, वोटर को पता है राष्ट्र-देश के लिए कौन सही और गलत है। इसमें में CSDS गच्चा खा गया तो वोट चोरी की थ्योरी की स्टोरी लिख डाली।
“वोट चोरी की थ्योरी” पर चुनाव आयोग के सख्त होते ही इस पटकथा के सारे खिलाड़ी अब बारी बारी से माफी मांगने लगे हैं। संजय कुमार CSDS चलाता है Centre for the Study of Developing Societies (CSDS) इसे को शोध संस्थान बताय जाता है, लेकिन इसके फंडिंग स्रोत, सर्वे पद्धति और नतीजों को देखें तो तस्वीर कुछ और ही सामने आती है।
उसने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र चुनावों में लाखों वोटर्स जोड़ दिए गए जिस से BJP और RSS की जीत हुई, लेकिन जब EC सख्त हुआ तो और मुकदमे दर्ज करने की तैयारी लगी तो अब सच उगलना शुरू कर दिया। संजय कुमार अपने पुराने ट्वीट भी डिलीट कर दिए हैं, और सफाई दे रहा है कि मैंने गलती से लोकसभा और विधानसभा की मतदाता सूची का मिलान कर लिया था।
इस थ्योरी और आरोप की गंभीरता को देखा जाए तो यह गलती नहीं है बल्कि यह आपराधिक षड्यंत्र था। भारत की जनता के साथ, यह देशद्रोह था, जो भारत को बांग्लादेश बनाना चाहता था।
राहुल गांधी के खासम खास पवन खेड़ा ने भी राहुल गांधी का साथ छोड़ दिया है, उसने भी अपना ट्वीट डिलीट कर लिया है जिसमें उन्होंने वोटर फ्रॉड का आरोप लगाया था। अभी भी यह समझने में कोई दिक्कत नहीं रह गया है कि, राहुल गांधी शपथ पत्र देकर आरोप क्यों नहीं लगा रहे हैं ? क्योंकि राहुल गांधी कांग्रेस सहित पूरा INDI गठबंधन ही CSDS के संजय कुमार के ही आँकड़े प्रमाण के तौर पर मीडिया के माध्यम से आमजनता को बता रही थी।
कांग्रेस के पेड वर्कर को कांग्रेस ने राहुल गांधी के समर्थन में वोट चोरी पर प्रचार वीडियो बनाने के लिए कई इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर्स को पैसे दिए। लेकिन कुछ ही दिनों में राहुल के इस झूठ की पोल खुल गई। अब ये इन्फ्लुएंसर्स अपना वीडियो डिलीट कर रहे हैं और खुद कह रहे हैं कि आरोप झूठे थे, वोट चोरी नहीं हुई। कांग्रेस द्वारा पेड इन्फ्लुएंसर्स खुद ही राहुल गांधी के झूठ का पर्दाफाश कर रहे हैं। पहले फर्जी खबर फैलाई फिर माफ़ी मांगकर उसे हटा दिया, कांग्रेस का इकोसिस्टम ऐसे काम करता है। लेकिन देश की जनता, भारतीय संसद और भारतीय संवैधानिक संस्थानों को बदनाम करने और भारत में “बंग्लादेश जैसी क्रांति” करने वाले वीरों को सजा कौन तय करेगा। – अरुण प्रधान (विडिओ व चित्र साभार गूगल)
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