वॉशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25 सितंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से व्हाइट हाउस में औपचारिक मुलाकात की। यह बैठक दोनों देशों के बीच रिश्तों में हाल के दिनों में आई नजदीकियों का एक और अहम संकेत मानी जा रही है। बैठक के दौरान ट्रंप और शरीफ ने आपसी सहयोग, क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।

सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने गाजा में जारी इजराइल-हमास युद्ध को समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर भी विचार साझा किए।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस हफ्ते न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर ट्रंप से मुलाकात करने वाले आठ अरब और मुस्लिम देशों के शीर्ष नेताओं में शामिल थे।

व्हाइट हाउस अधिकारियों का कहना है कि इन चर्चाओं का केंद्र पश्चिम एशिया में शांति बहाल करना और मानवीय संकट से निपटने की रणनीति बनाना रहा। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बैठक अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के लिए एक सकारात्मक मोड़ साबित हो सकती है, खासकर ऐसे समय में जब वॉशिंगटन और इस्लामाबाद कई वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर एक-दूसरे के सहयोग के इच्छुक दिख रहे हैं।

क्या यह अमेरिका के रणनीति गठबन्धन(frenemy) को दर्शाती है क्योंकि इन दिनों अमरीका का जो रवैया है भारत को लेकर फिर उसी दरम्यान भारत के शत्रु राष्ट्र के साथ मुलाकात उसी ओर इशारा करती है, और यह घटना, यह बात और भी अस्पष्ट करता है कि भारत और अमेरिका के रणनीति रिश्ते अच्छे नहीं हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में बैठकों के दौर की एक खास बात यह भी रही कि राष्ट्रपति ट्रम्प अमेरिकी प्रोडक्ट्स की ब्रांड वैल्यू को लेकर काफी अलर्ट दिखे। 25 सितंबर को जब वे अपने सरकारी दफ्तर में नेताओं से मिल रहे थे तो उनके कोर्ट पर अमेरिकी रक्षा उत्पाद लड़ाकू विमान F-35 के लेगो को अपने कोट पर लगाया हुआ था। जिसे पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिन्दूर में इस्तेमाल किया था। (चित्र साभार गूगल) संवाददाता@रोहित कुमार

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