
क्यों चढ़ा है ट्रंप का पारा भारत के खिलाफ डॉ मनु चौधरी
अबकी बार मैं गलत साबित हुई — एक व्लादिमीर पुतिन सम्भलता नहीं है डोनाल्ड ट्रम्प से और अपनी फ़्रस्ट्रेशन निकलना चाहता है भारत पर। सोचो ऐसा क्यों ? मैंने पहले भी लिखा था कि अमेरिकाअमेरिका और रूस की परदे के पीछे मीटिंग लगातार हो रहीं हैं और मुझे ऐसा लगा था फरवरी 2025 आते – आते रूस-यूक्रैन युद्ध खत्म होने का कोई न कोई रास्ता निकल ही आएगा लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो सका है और यहीं मैं गलत साबित हुई।
कभी ट्रम्प भारत को कटघरे में खड़ा कर रहा है तो कभी व्लादिमीर जेलेंस्की यूरोपियन यूनियन में भारत की शिकायत करते हैं। इस से ऐसा लगता है जैसे पिछले 3 साल से भारत के रुपयों की वजह से ही युद्ध चल रहा है वो भी तब जब ट्रम्प के अनुसार हमारी आर्थिक स्थिति मरी हुई है। वैसे अमेरिका और यूरोप ने रूस से अपना व्यापार तो कोई बंद नहीं किया लेकिन बस हमारे तेल खरीदने पर हंगामा मचाया हुआ है। वैसे भी हम रूस को भारतीय रूपये में पेमेन्ट करते हैं तब उस रूपये से रूस भारत में ही कुछ खरीद सकता है ना कि अमेरिका में क्योंकि वहां तो डॉलर चाहिए तब भला कैसे इस युद्ध के जिम्मेदार हम हुए ? कोई समझदार इंसान ही ये समझ सकता है और मैं ट्रम्प को समझदार सोचती तो थी लेकिन लगता है कभी – कभी उनका दिमाग दिवालिया हो जाता है तभी तो एक बार फिर से पाकिस्तान को अपनी गोदी में बैठा रहा है जबकि वो अमेरिका में टैक्स देने वालो के सिर का दर्द है। अमेरिका पूरी दुनिया में खुद आतंकवाद को पालता है और गुस्सा भारत को दिखा रहा है। अमेरिका को लगता है कि जैसे पाकिस्तान उसका पालतू है ऐसे भारत भी बन जाये। भारत न पहले बना था न आज बनेगा।अजीब खेल है इस अमेरिका का भी। एक व्लादिमीर पुतिन सम्भलता नहीं है डोनाल्ड ट्रम्प से और अपनी फ़्रस्ट्रेशन निकलना चाहता है भारत पर। ट्रम्प महाराज को मैं तो केवल अब हर हर महादेव ही कहूँगी ताकि उसे बुद्धि मिल सके। – डॉ मनु चौधरी Copyright ©️ Manu Chaudhary