
नई दिल्ली : कांग्रेस के संत नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम बार बार अयोध्या राम मंदिर और हिंदू मुद्दे के साथ खड़े हो रहे थे। राम मंदिर और हिंदू पक्षीय बयान से परेशान होकर कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को बाहर का रास्ता दिखा दिया। कांग्रेस पार्टी विरोधी मुद्दे के साथ खड़े होने को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से हटाया है। पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने पत्र जारी कर जानकारी दी कि प्रमोद कृष्णम को अनुशासनहीनता की शिकायतों और पार्टी के खिलाफ बार-बार बयानबाज़ी को ध्यान में रखते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
सोमवार, 12 फरवरी को बिहार में NDA में एकबार फिर शामिल हुए नीतीश कुमार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट देना होगा। तो, बिहार में सत्तारूढ़ जदयू में टूट का दावा कर रहा लालू प्रसाद यादव के राजद द्वारा हॉर्स ट्रेडिंग के डर से राजद के विधायकों को तेजस्वी यादव के आवास में नजरबंद किया गया है। लेकिन लालू के विह्प पर राजद के सभी 79 विधायक नहीं पहुंचे। तीन विधायक गायब बताए जा रहे हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार राजद के 12 विधायक के फोन बंद हैं। ऐसे में एक दर्जन विधायकों के रडार से बाहर होजाने से घबड़ाए लालू और तेजस्वी ने अपने आवास में सारे विधायकों को बुलाया और कहा कि सदन में बहुमत परीक्षण की कवायद के दिन ही अब यहां से निकलेंगे।
उधर तेजस्वी के खेला करने की धमकी से बीजेपी भी सतर्कता बरत रही है। भाजपा ने शनिवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के बहाने अपने सारे विधायकों को बोधगया में सुरक्षित रखी है। इस आयोजन में पार्टी के सभी 78 विधायकों की उपस्थिति रही। बोधगया में रविवार को विधानमंडल दल की बैठक भी होगी। आज पत्रकारों बात करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि बीजेपी गठबंधन विधानसभा में आसानी से बहुमत प्राप्त कर लेगा।
बीजेपी के साथ NDA में शामिल हुई जदयू के मंत्री श्रवण कुमार ने शनिवार को भोज देकर विधायकों की एकजुटता रखने की कोशिश की। लेकिन जदयू के पांच विधायक इस एकजुटता भोज में नहीं दिखे। जदयू नेता श्रवण कुमार ने कहा कि इस भोज का आयोजन थोड़ी जल्दबाजी में हुई है और कुछ विधायक अपने पहले से तय कार्यक्रम के कारण नहीं आ पा हैं। रविवार को मंत्री विजय चौधरी के आवास पर होने वाली विधायक दल की बैठक में इनकी मौजूदगी रहेगी।
जबकि कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों को पहले ही सुरक्षित रखने के लिए हैदराबाद भेज दिया है। कांग्रेस के वे सारे विधायक विश्वास मत के दिन ही बिहार लाए जाएंगे।
NDA में दुबारा नीतीश के शाम होने के बाद बिहार में जो राजनीतिक स्थिति बन रही है इसमें राजद और जदयू दोनों के साथ खेल बिगड़ने की संभावना है। बिहार में विधानसभा सदस्यों की संख्या 243 है और सत्ता में पहुंचने के लिए बहुमत का आंकड़ा 122 है। लेकिन अभी के जदयू और बीजेपी वाले एनडीए के विधायकों की संख्या 127 है। जिसमें भाजपा के पास 78, जदयू 45 तथा 4 विधायक जीतनराम मांझी के HAM के पास हैं। इस स्थिति में नीतीश सरकार सुरक्षित नजर आ रहे है।
दूसरी तरफ राजद गठबंधन की स्थिति फिलहाल यह है कि राजद के पास 79 सीटें हैं, तो कांग्रेस की 19, सीपीआई – एमएल कर 12, सीपीआईएम की 2 सीटों को मिलाकर सीटों का आंकड़ा 112 है। और बिहार में जीतनराम मांझी जो मौके का फायदा उठाने की फिराक में है। तो दिख रहा है कि अगर राजद जीतन राम मांझी के 4, एआईएमआईएम के 1 और 1 निर्दलीय विधायक को अपने पक्ष में लाने के बाद भी फिर फ्लोर टेस्ट के दिन कुल 118 विधायक होंगे, जबकि बहुमत साबित करने के लिए और 4 विधायक होने चाहिए।