बोकारो: विस्थापितों के संघर्ष और आंदोलन के कारण बोकारो बंद है। आन्दोलन के दौरान विस्थापित अप्रेन्टिस संघ का सदस्य प्रेम कुमार महतो की मौत CISF की लाठी लगने से हो गई।

दरअसल, विस्थापित होने और उसका दर्द झेलना बहुत पीड़ादायक है। कोई कारखाना स्थापित होता है। स्थानीय लोग या समुदाय की जमीन विकास के नाम पर चली जाती है। उन्हें आश्वासन दिया जाता है कि नौकरी मिलेगी, लेकिन नौकरी नहीं मिलती, आश्वासन के साथ ही लाठी और गोली भी मिलती है। बोकारो स्टील प्लांट 1965 में बना। वर्ष 2025 में विस्थापित नौकरी के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। नौकरी के बदले CISF का क्रूर लाठी चार्ज से एक युवक शहीद हुआ।

मामला यह है कि बोकारो स्टील प्लांट के निर्माण के दौरान विस्थापित पीढ़ी के येवा प्लांट में अप्रेंटिस का प्रशिक्षण लेने वाले तथा नियोजन-नौकरी की मांग को लेकर गुरुवार को इस्पात भवन के मुख्य गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे। शाम 5 बजे के आसपास प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़कर इस्पात भवन (बोकारो स्टील प्लांट का मुख्यालय) के अंदर प्रवेश करने लगे। वहां तैनात सीआईएसएफ के जवानों ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें चार विस्थापित युवा घायल हो गए, जिनमें से एक प्रेम कुमार महतो की इलाज के दौरान देर रात मौत हो गई। मृतक प्रेम महतो (32) हरला थाना क्षेत्र के शिबूटांड़ गांव का रहने वाला था।

झारखंड में स्थापित बोकारो स्टील प्लांट Steel Authority of India Limited (SAIL) की एक ईकाई है। जिसका एक नगर है बोकारो स्टील सिटी के। बोकारो स्टील प्लांट में नौकरी की मांग कर रहे विस्थापित युवाओं पर लाठी चार्ज के दौरान एक युवक की मौत हो गई, जिससे पूरे बोकारो और आसपास के क्षेत्र में बवाल मच गया।

बोकारो की डिप्टी कमिश्नर विजया जाधव के आदेश पर पुलिस प्रशासन ने बोकारो स्टील प्लांट के मुख्य महाप्रबंधक हरि मोहन झा को गिरफ्तार किया है। अब इस संघर्ष में विस्थापितों के संगठन के अलावा आजसू पार्टी, झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा सहित कई दलों ने शुक्रवार को बंद बुलाया था, जिसका व्यापक असर देखा गया।

बोकारो की कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह, डुमरी के विधायक जयराम महतो सहित कई नेता सड़कों पर विस्थापितों के इस आन्दोलन के समर्थन में उतरे। बोकारो में जगह-जगह सड़कें जाम कर दी गई हैं, दुकानें भी बंद करा दी गई। शुक्रवार को बुलाए गए बोकारो बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कम से कम तीन बसों सहित पांच गाड़ियों में आग लगा दी। कई वाहनों में तोड़फोड़ भी की गई है। शहर के तमाम इलाके पूरी तरह बंद हैं।

बंद समर्थकों ने दुंदीबाग हाट स्थित एक दुकान में भी आग लगा दी। हालांकि, इस पर थोड़ी देर बाद ही काबू पा लिया गया।

बोकारो प्रबंधन विस्थापित संगठन और समर्थन में उतरी राजनीतिक पार्टियों के दबाव में आन्दोलनकारियों की सभी मांगे मान ली है। जैसे- 1. प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए विस्थापित युवाओं को कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। 2. लाठीचार्ज में मारे गए मृतक के परिजनों को 20 लाख मुआवजा। 3. परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। 4. लाठीचार्ज में घायल हुए लोगों का बोकारो जेनरल हॉस्पिटल में मुफ्त उपचार होगा। 5. प्रत्येक को 10,000 रुपए मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही बोकारो कारखाना प्रबंधन ने कहा कि अन्य मांगों के लिए बीएसएल विस्थापितों के साथ हर महीने की 15 तारीख को जिला नियोजन पदाधिकारी एवं अपर समाहर्ता की उपस्थिति में बैठक होगी।

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