
कवि और कविता” श्रृंखला में डॉ. प्रेरणा उबाळे की कविता “दरख्त …”
“कवि और कविता” श्रृंखला में डॉ. प्रेरणा उबाळे की कविता “दरख्त …”
■ दरख्त – डॉ. प्रेरणा उबाळे
दरख्त ने डाली से कहा-
“तुम अभी छोटे हो”
डाली ने मान लिया
हवा के साथ-साथ
डाली ने हिलना बंद कर दिया
दरख्त बेज़ान हो गया l – डॉ. प्रेरणा उबाळे (05 मई 2025)