
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पहलगाम हमले में जो निंदा प्रस्ताव पेश किया गया उसमें पाकिस्तान एक क्लाज डलवाने में सफल रहा कि आतंकवादियों ने धर्म पूछ कर नहीं मारा ! संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप-स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने मजबूती से कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की पोल खोलकर भारत का पक्ष रखा।
पहलगाम हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने बयान जारी कर हमले की निंदा तो की है लेकिन यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के बयान में इस आतंकी हमले की प्रकृति में पाकिस्तान प्रायोजित इस्लामिक आतंकवाद और साम्प्रदायिक हमले को स्वीकार नहीं किया। इस मामले में चीन पाकिस्तान का साथ देते हुए भारत के विरोध में विटो का इस्तेमाल किया। अमेरिका भी यहां भारत के साथ खड़ा नहीं रहा।
पहलगाम आतंकी हमले पर भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए जब सिंधु नदी जल समझौता रद्द का फैसला लिया तो प्रतिक्रियास्वरूप पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह स्वीकार किया था कि पाकिस्तान का आतंकवाद को सपोर्ट करने और टेरर फंडिंग करने का लंबा इतिहास रहा है। स्काई न्यूज के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हम लोग 30 साल से इस गंदे काम को अमेरिका-ब्रिटेन के लिए करते आ रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान अपने पक्ष को मजबूती से रखने के लिए भारत के 12 विपक्षी पार्टियों के नेताओं के ट्वीट्स और वीडियो को सबूत के तौर पर चीन को दिखाया, जिसमें कांग्रेस पार्टी की मुख्य प्रवक्ता पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, कांग्रेस के बड़े नेता कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारर्मैया और अन्य नेताओं के बयान शामिल थे। और संयुक्त राष्ट्र ने इसे सबूत के तौर पर माना।
उसके बाद चीन जिसके पास वीटो पावर है उसने यह क्लाज संयुक्त राष्ट्र संघ के निंदा प्रस्ताव में से हटवा दिया कि मुस्लिम आतंकियों ने धर्म पूछ कर मारा।
पहलगाम इस्लामिक आतंकी हमले में हिंदु पर्यटकों को उनके धर्म पूछकर हत्या पर प्रतिक्रियास्वरूप भारत सरकार के एक फरमान से दो दिन में ही पता चला कि देश में पाकिस्तान वियाही गई 80 हजार भारतीय महिलाएं कई वर्षों से यहां रह रही हैं, यहीं उनके पाकिस्तानी बच्चे बड़े हो रहे हैं! अगर उनके बच्चों को इसमें शामिल कर लिया जाए तो ऐसे पाकिस्तानियों की संख्या अपने देश में लाखों में हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की विपक्षी पार्टियों के बयान पाकिस्तान पक्ष को मजबूत करने वाले सिद्ध हुए, यह शर्मनाक और चिंताजनक है। कई विशेषज्ञों ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत को अपनी जंग खुद लड़नी होगी ! हमें इजराइल या युक्रेन-रुस की तरह न तो मदद मिलेगी और न ही हम भारतीय राष्ट्रीय इसकी आशा करें। हमें आने वाले इस नजदीक समय में देश के अंदर भी बड़े स्तर पर आतंकवाद समर्थित हिंसक प्रतिक्रिया मिलेगी। क्योंकि इस देश की पिछली सरकारों ने उन्हें भारत में पाल पोसकर बड़ा कर दिया है और वैसी ताकतें इस्लामिक आतंकवाद, मुस्लिम साम्प्रदायिकता और पाकिस्तान के पक्ष में सशस्त्र खड़ी है।