
मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली, 24 जुलाई 2022: आम आदमी पार्टी की दिल्ली में शराब नीति पर दिल्ली के एलजी और AAP में जबरदस्त ठन गयी है। दिल्ली के नई एक्साईज नीति का गलत फॉर्मूलेशन बनाने, पुरानी शराब नीति में संशोधन करने और दिल्ली में लागू करने वाले अधिकारीयों की लिस्ट LG ने अपने मुख्य सचिव से तलब की है। उन्होंने कहा कि गलती करने वाले अधिकारियो अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली की नई आबकारी नीति के विवाद अब केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच नए तकरार में बदल चुका है। इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली के उप-राज्यपाल ने मुख्य सचिव से उन अधिकारियों और सिविल सेवकों की लिस्ट मांगी है जिन्होंने इस नीति को बनाने, संशोधन करने और लागू करने का काम किया।
विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली के उप राज्यपाल ने आबकारी नीति 2021-22 में फॉर्मूलेशन को लेकर किए गए उल्लंघनों और जानबूझकर की गई गड़बड़ी पर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने मुख्य सचिव को इन अधिकारियों और सिविल सेवकों की भूमिका को लेकर विस्तृत रिपोर्ट देनी है। उपराज्यपाल ने इस पूरे मामले की एक व्यापक रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में अधिकारियों की भूमिका, फाइल्स की स्क्रूटनी इत्यादि की जानकारी देने को कहा गया है।
एलजी विनय कुमार सक्सेना ने कहा है कि यह अधिकारियों का कर्तव्य है कि अगर जानकारी में किसी तरह की अनियमिता को अंजाम दिया जा रहा है, तो वह इस बारे में मुख्य सचिव या संबंधित प्राधिकारी को सूचना दें। दस्तावेजों के हिसाब यह बात सामने आई है कि ना केवल कुछ अधिकारियों को कुछ स्पेशल पदों पर बिठाया गया और उन फैसलों को नजरअंदाज किया गया जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम-1991, आबकारी कानून-2009, दिल्ली आबकारी नियम-2010 और ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स-1993 जैसे कानूनों का उल्लंघन है। बल्कि इन अधिकारियों के पहली नजर में प्रभारी मंत्री मनीष सिसोदिया के हिसाब से अवैध आदेशों को सक्रियता के साथ बनाया और लागू किया।
रिपोर्ट जमा होने के बाद उसकी समीक्षा की जाएगी और फिर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।